वैभव सूर्यवंशी का जीवन परिचय : क्रिकेट का उभरता सितारा
वैभव सूर्यवंशी का जीवन परिचय : क्रिकेट का उभरता सितारा :
भारत में क्रिकेट केवल एक खेल नहीं, बल्कि एक जुनून है। इस जुनून ने कई युवा प्रतिभाओं को अवसर दिया है, और उनमें से एक हैं वैभव सूर्यवंशी। मात्र 14 वर्ष की उम्र में वैभव ने क्रिकेट की दुनिया में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। बिहार के एक छोटे से गांव से निकलकर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) तक का उनका सफर प्रेरणादायक है। इस लेख में हम वैभव सूर्यवंशी के जीवन, उनके क्रिकेट करियर, उपलब्धियों और परिवार के योगदान के बारे में विस्तार से जानेंगे।
वैभव सूर्यवंशी का प्रारंभिक जीवन और परिवार :
वैभव सूर्यवंशी का जन्म 27 मार्च 2011 को बिहार के समस्तीपुर जिले के ताजपुर गांव में हुआ था। उनका जन्म एक साधारण किसान परिवार में हुआ, जहां संसाधनों की कमी थी, लेकिन सपनों की कोई कमी नहीं थी। वैभव के पिता, संजीव सूर्यवंशी, स्वयं एक क्रिकेट प्रेमी थे और उन्होंने अपने अधूरे क्रिकेट सपनों को अपने बेटे के माध्यम से पूरा करने का निर्णय लिया। वैभव की माँ ने भी उनके क्रिकेट सफर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो सुबह जल्दी उठकर उनके लिए पौष्टिक भोजन तैयार करती थीं। वैभव का एक बड़ा भाई भी है, लेकिन क्रिकेट के प्रति उनकी कोई विशेष रुचि नहीं थी।
वैभव की दादी चाहती थीं कि वह पढ़ाई में ध्यान दे और आईएएस या आईपीएस अधिकारी बने, लेकिन वैभव का मन बचपन से ही क्रिकेट में रमा था। उनके पिता ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उनके सपनों को पंख देने के लिए हर संभव प्रयास किया। आर्थिक तंगी के बावजूद, संजीव ने अपनी जमीन बेचकर वैभव को बेहतर प्रशिक्षण दिलाने का फैसला किया। यह उनके परिवार की ओर से एक बड़ा बलिदान था, जो वैभव के क्रिकेट करियर की नींव बना।
वैभव सूर्यवंशी को प्रति जुनून :
वैभव ने चार साल की उम्र से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। उनके पिता ने घर के पीछे एक छोटा सा मैदान बनाया, जहां वैभव अपनी प्रारंभिक क्रिकेट की प्रैक्टिस करते थे। नौ साल की उम्र में, वैभव ने समस्तीपुर में एक क्रिकेट अकादमी में दाखिला लिया, जहां उनकी प्रतिभा को और निखारा गया। वैभव बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं और धीमी गति की बाएं हाथ की ऑर्थोडॉक्स गेंदबाजी भी करते हैं। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी और नन्ही उम्र में गजब की परिपक्वता ने कोचों का ध्यान आकर्षित किया।
वैभव ने अपनी स्कूली पढ़ाई ताजपुर के डॉ. मुक्तेश्वर सिन्हा मॉडेस्टी स्कूल से शुरू की। उनके पिता ने एक साक्षात्कार में बताया कि वैभव कक्षा 8 में पढ़ते हैं, और क्रिकेट के कारण उनकी पढ़ाई पर कुछ असर पड़ा है। फिर भी, वैभव ने अपने क्रिकेट और पढ़ाई को संतुलित करने की कोशिश की। उनकी उम्र को लेकर कुछ विवाद भी उठे, लेकिन उनके पिता ने स्पष्ट किया कि वैभव की उम्र की पुष्टि बीसीसीआई द्वारा हड्डी परीक्षण (Bone Test) के माध्यम से की गई थी, जब वह साढ़े आठ साल के थे।
वैभव सूर्यवंशी की क्रिकेट करियर की शुरुआत :
वैभव का क्रिकेट करियर तब सुर्खियों में आया जब उन्होंने 12 साल की उम्र में बिहार के लिए विनू मांकड़ ट्रॉफी में अंडर-19 स्तर पर खेला। इस टूर्नामेंट में उन्होंने पांच मैचों में लगभग 400 रन बनाए, जो उनकी उम्र के हिसाब से एक असाधारण उपलब्धि थी। उनकी इस प्रतिभा ने उन्हें भारत की अंडर-19 टीम में जगह दिलाई।
वैभव ने जनवरी 2024 में रणजी ट्रॉफी में बिहार के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में डेब्यू किया। उस समय उनकी उम्र मात्र 12 साल और 284 दिन थी, जिसने उन्हें रणजी ट्रॉफी में डेब्यू करने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय खिलाड़ियों में से एक बना दिया। हालांकि, इस टूर्नामेंट में उनका प्रदर्शन औसत रहा, लेकिन उनकी प्रतिभा को नजरअंदाज नहीं किया गया।
सितंबर 2024 में, वैभव ने चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 के खिलाफ यूथ टेस्ट मैच में भारत अंडर-19 के लिए डेब्यू किया। इस मैच में उन्होंने 58 गेंदों में शतक जड़कर इतिहास रच दिया। यह यूथ टेस्ट क्रिकेट में किसी भारतीय द्वारा बनाया गया सबसे तेज शतक था। उनकी इस पारी ने क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली।
वैभव सूर्यवंशी का ipl में ऐतिहासिक डेब्यू :
वैभव सूर्यवंशी का नाम तब और चर्चा में आया जब उन्हें आईपीएल 2025 की नीलामी में राजस्थान रॉयल्स ने 1.1 करोड़ रुपये में खरीदा। मात्र 13 साल की उम्र में वह आईपीएल नीलामी में शामिल होने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बने। नीलामी से पहले, राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें नागपुर में ट्रायल के लिए बुलाया था, जहां वैभव ने अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया। दिल्ली कैपिटल्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच उनकी बोली को लेकर जबरदस्त प्रतिस्पर्धा देखने को मिली।
19 अप्रैल 2025 को, वैभव ने लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में आईपीएल में डेब्यू किया। उस समय उनकी उम्र 14 साल और 23 दिन थी, जिसने उन्हें आईपीएल इतिहास में डेब्यू करने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बनाया। अपनी पहली ही गेंद पर वैभव ने शार्दुल ठाकुर को छक्का जड़ा, जिसने उनकी निडरता को दर्शाया। इस मैच में उन्होंने 20 गेंदों में 34 रन बनाए।
इसके बाद, 28 अप्रैल 2025 को गुजरात टाइटंस के खिलाफ वैभव ने 35 गेंदों में शतक ठोककर इतिहास रच दिया। यह आईपीएल में किसी भारतीय द्वारा बनाया गया सबसे तेज शतक था और क्रिस गेल के 30 गेंदों के शतक के बाद टूर्नामेंट का दूसरा सबसे तेज शतक। इस पारी में उन्होंने 7 चौके और 11 छक्के लगाए, जिसने क्रिकेट प्रशंसकों को हैरान कर दिया।
वैभव सूर्यवंशी का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धियां :
आईपीएल के बाद, वैभव ने इंग्लैंड में भारत अंडर-19 टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया। जुलाई 2025 में, उन्होंने इंग्लैंड अंडर-19 के खिलाफ यूथ वनडे सीरीज में 52 गेंदों में शतक बनाया, जो यूथ वनडे इतिहास का सबसे तेज शतक था। इस सीरीज में उनकी बल्लेबाजी ने भारत को 2-1 से जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इंग्लैंड में उनके 30 छक्कों ने प्रशंसकों का दिल जीत लिया, और उनकी लोकप्रियता का आलम यह था कि प्रशंसक उनसे ऑटोग्राफ लेने के लिए घंटों ड्राइव करके पहुंचे।
वैभव की नेट वर्थ और आय के स्रोत :
मात्र 14 साल की उम्र में वैभव सूर्यवंशी की अनुमानित नेट वर्थ 1 से 1.5 करोड़ रुपये के बीच है। उनकी आय का मुख्य स्रोत आईपीएल अनुबंध, घरेलू क्रिकेट, और ब्रांड एंडोर्समेंट हैं। राजस्थान रॉयल्स के साथ उनका 1.1 करोड़ रुपये का अनुबंध उनकी सफलता का प्रमाण है। इसके अलावा, अंडर-19 स्तर पर उनके प्रदर्शन ने उन्हें कई ब्रांड्स का ध्यान आकर्षित किया है।
व्यक्तिगत जीवन और प्रेरणा
वैभव सूर्यवंशी का जीवन सादगी और मेहनत का प्रतीक है। उनके परिवार का समर्थन और उनके कोचों की मार्गदर्शन ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया। उनके पिता ने न केवल आर्थिक बल्कि भावनात्मक समर्थन भी दिया। वैभव की माँ ने उनके लिए सुबह 4 बजे उठकर खाना तैयार किया, ताकि वह अपनी प्रैक्टिस पर ध्यान दे सकें। वैभव की प्रेरणा उनके पिता का अधूरा सपना और बिहार के छोटे से गांव को गौरवान्वित करने की इच्छा है।
भविष्य की संभावनाएं
वैभव सूर्यवंशी भारतीय क्रिकेट के भविष्य के सितारे हैं। उनकी कम उम्र में इतनी बड़ी उपलब्धियां क्रिकेट जगत में एक नया इतिहास रच रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वह अपनी मेहनत और अनुशासन को बनाए रखते हैं, तो वह जल्द ही सीनियर भारतीय टीम में जगह बना सकते हैं। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी और गेंदबाजी में बहुमुखी प्रतिभा उन्हें एक ऑलराउंडर के रूप में स्थापित कर सकती है।
वैभव सूर्यवंशी की कहानी एक साधारण गांव के लड़के की असाधारण उपलब्धियों की कहानी है। बिहार के ताजपुर से शुरू हुआ उनका सफर आज विश्व स्तर पर पहुंच चुका है।
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